सुनते सबकी पुकार जो भी श्रद्धा और प्रेम से है

सुनते सबकी पुकार जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

जिसने लिया संकल्प प्रभु के सब कष्टों को मिटाने का,
क्यों ना हम गुणगान करे श्री राम के उस दीवाने का,
तेरी शक्ति अपार तू तो लाया था अकेला,
सारा पर्वत उखाड़ बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

सुनते सबकी पुकार जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

निशाचर हीन बनाकर धरती प्रभु का हाथ बटाया था,
रामचंद्र जी से प्यार था कितना सीना फाड़ दिखाया था,
है जब तक धरती आकाश ये दुनिया रखेगी याद,
तेरा उपकार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

सुनते सबकी पुकार जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

चारो युग का हाल जो जाने अजर अमर कहलाए है,
भक्तो की रक्षा करने शिव रूप बदलकर आए है,
तेरी महिमा अपार तू ही “बबली” की जीवन नैया,
करता बाबा पार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

सुनते सबकी पुकार जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो जय बजरंगी।।

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