धुन – मेरी सुनलो अरज नथवारी – Radha Krishna Bhajan

धुन – मेरी सुनलो अरज नथवारी – Radha Krishna Bhajan

झूला झूलन पधारो सुकुमारी ।
श्री कीरति की कुमारी जी….. ।।

बाट निहारे तोरी सावरो ।
कुंजन बीच मँझारी…श्री कीरति ।।

लता बेलि तरुबर से लिपटी ।
फूल रही फुलवारी … श्री कीरति ।।

यमुना लेत हिलोर दोऊ ढिग ।
रिमझिम पडत फुहारी…श्री कीरति ।।

कर सिंगार श्यामा जू आई ।
हर्षित भये गिरधारी…श्री कीरति ।।

युगल छबि कुंजन में झूलत ।
दास चरण बलिहारी…श्री कीरति ।।

 

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