जाऊं मैं सतगुरु ने बलहारी भजन लिरिक्स

जाऊं मैं सतगुरु ने बलहारी,

दोहा सतगुरु मेरे सागड़ी,
भगवत सु देय मिलाय,
ज्ञान गोला बरसाय के,
जम का फंद छुड़ाय।


जाऊं मैं सतगुरु ने बलहारी,
बंधन काट किया निज मुक्ता,
सारी विपत निवारी,
म्हारां सतगुरु ने बलिहारी,
जाऊं मैं तो सतगुरु ने बलिहारी।।


बाणी सुणत प्रेम सुख उपज्यो,
दुरमति गई हमारी,
भरम करम का साँसा मेटिया,
दिया कपट उगाड़ी,
जाऊं मेरे सतगुरु ने बलिहारी।।


माया बिरम का भेद समझाया,
सोहम लिया विचारी,
आदि पुरुष घट अंदर देखया,
डायन दूर विडारी,
जाऊं मेरे सतगुरु ने बलिहारी।।


दया करी मेरा सतगुरु दाता,
अबके लीना उबारी,
भवसागर से डूबत ताया,
ऐसा पर उपकारी,
जाऊं मेरे सतगुरु ने बलिहारी।।


गुरु दादू के चरण कमल पर,
मेलूँ शीश उतारी,
ओर लेय क्या आगे राखू,
सुंदर भेंट तुम्हारी,
जाऊं मेरे सतगुरु ने बलिहारी।।


जाऊँ मैं सतगुरु ने बलहारी,
बंधन काट किया निज मुक्ता,
सारी विपत निवारी,
म्हारां सतगुरु ने बलिहारी,
जाऊं मैं तो सतगुरु ने बलिहारी।।


जाऊं मैं सतगुरु ने बलहारी भजन Video

Singer Sant Bhajana Nand Ji

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