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विश्वकर्मा जी की आरती लिरिक्स | shri vishwakarma ji ki aarti lyrics

विश्वकर्मा जी की आरती, shri vishwakarma ji ki aarti, दिनेश माली भजन, aarti hindi lyrics, राजस्थानी आरतियां

श्री विश्वकर्मा जी की आरती भजन लिरिक्स

ओम् जय श्री विश्वकर्मा ,
प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के कर्ता ,
रक्षक श्रुति धर्मा ।

आदि सृष्टि में विधि को ,
श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में ,
ज्ञान विकास किया ।
ओम् जय श्री
.

ऋषि अंगिरा तप से ,
शान्ति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का ,
सकल सिद्धि आई ।।
ओम् जय श्री
.

रोग ग्रस्त राजा ने ,
जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर ,
दूर दुःख कीना ।
ओम् जय श्री
.

जब रथकार दम्पत्ति ,
तुम्हरी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना ,
विपत्ति हरी सगरी ।।
ओम् जय श्री
.

एकानन चतुरानन ,
पंचानन राजे ।
द्विभुज चतुर्भुज दसभुज ,
सकल रूप साजे ॥
ओम् जय श्री
.

ध्यान धरे तब पद का ,
सकल सिद्धि आवे ।
मन दुविधा मिट जावे ,
अटल शान्ति पावे ।।
ओम् जय श्री
.

श्री विश्वकर्मा जी की आरती ,
जो कोई नर गावे ।
भक्त गजानन स्वामी ,
सुख संपत्ति पावे ॥
ओम् जय श्री
.

aarti hindi lyrics in English

shri vishwakarma ji ki aarti BHAJAN LYRICS

om jay shree vishvakarma ,
prabhu jay shree vishvakarma .
sakal srshti ke karta ,
rakshak shruti dharma .

aadi srshti mein vidhi ko ,
shruti upadesh diya .
jeev maatr ka jag mein ,
gyaan vikaas kiya .
om jay shree
.

rshi angira tap se ,
shaanti nahin paee .
dhyaan kiya jab prabhu ka ,
sakal siddhi aaee ..
om jay shree
.

rog grast raaja ne ,
jab aashray leena .
sankat mochan banakar ,
door duhkh keena .
om jay shree
.

jab rathakaar dampatti ,
tumharee ter karee .
sunakar deen praarthana ,
vipatti haree sagaree ..
om jay shree
.

ekaanan chaturaanan ,
panchaanan raaje .
dvibhuj chaturbhuj dasabhuj ,
sakal roop saaje .
om jay shree
.

dhyaan dhare tab pad ka ,
sakal siddhi aave .
man duvidha mit jaave ,
atal shaanti paave ..
om jay shree
.

shree vishvakarma ji ki aarti ,
jo koee nar gaave .
bhakt gajaanan svaamee ,
sukh sampatti paave .
om jay shree
.

राजस्थानी आरतियां aarti hindi lyrics

विश्वकर्मा जी की आरती भजन लिरिक्स

ओम् जय श्री विश्वकर्मा ,प्रभु जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के कर्ता ,रक्षक श्रुति धर्मा ।

आदि सृष्टि में विधि को ,श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में ,ज्ञान विकास किया ।
ओम् जय श्री
.

ऋषि अंगिरा तप से ,शान्ति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का ,सकल सिद्धि आई ।।
ओम् जय श्री
.

रोग ग्रस्त राजा ने ,जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर ,दूर दुःख कीना ।
ओम् जय श्री
.

जब रथकार दम्पत्ति ,तुम्हरी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना ,विपत्ति हरी सगरी ।।
ओम् जय श्री
.

एकानन चतुरानन ,पंचानन राजे ।
द्विभुज चतुर्भुज दसभुज ,सकल रूप साजे ॥
ओम् जय श्री
.

ध्यान धरे तब पद का ,सकल सिद्धि आवे ।
मन दुविधा मिट जावे ,अटल शान्ति पावे ।।
ओम् जय श्री
.

श्री विश्वकर्मा जी की आरती ,जो कोई नर गावे ।
भक्त गजानन स्वामी ,सुख संपत्ति पावे ॥
ओम् जय श्री
.

दिनेश माली भजन video

आरती = विश्वकर्मा जी की
गायक/Singer = = दिनेश माली
Bhajan Text- भजन

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