उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो ,
जर मर जानो हे मात।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो ,
भई मारे पीसा ने परनाव,
साँवरियो बाबोसा रे लाडको।
लापी तो रोंदी रे लसपस लापसी ,
ऊपर गाले हे घी।
रज ने जीमो मारा जोनियाँ ,
चिडिया परोसे हे दाल।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो।
हिमालय जाईने तोरण बांदियो ,
लोकि उतारे हे लू।
दिल्ली जाईने तोरण बांदियो ,
देखो विचारा सिंगार।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो।
ऊंदरो जाईने मौसा बोलियों,
डूंगर खोसी हे तलवार।
जाईने मौका रो मातो मांडियो,
हुआ हे खुना रा थे लाल।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो।
मेलो सु मिनी बाई निचा उतरिया ,
माथे लाडूङो री छाव।
होमी ने धकियों रे गरजी गुजरो ,
भोगियों मिनी रो मरोड़।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो।
स्वर्गा सु सोनी बाई उतरिया,
लारे ऊर्जा रो दाव।
मुखा रे त्रिलोकी चंद्र री विनती ,
सुणजो ची ची लगाय।
उड़ते पंखेरू विवाह मांडियो।
प्रकाश माली के भजन | prakash mali bhajan video
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मारवाड़ी लोकगीत भजन in hindi lyrics
भजन :- उड़ता पंखेरू विवाह मान्डियो
गायक :- प्रकाश माली