इक झोली में फूल पड़े हैं ,
इक झोली में काँटे रे।
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा ।
तेरे बस में कुछ भी नहीं ,
ये तो बाँटने वाला बाँटे रे।
पहले बनती हैं तकदीरें ,
फिर बनते हैं शरीर ।
यह साँई की कारीगरी है ,
तू क्यों है गम्भीर ॥
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा।
इक झोली ……
नाग भी डस ले तो किसी को ,
मिल जाए जीवनदान ।
चींटी से भी मिट सकता है ,
किसी का नामों निशान ॥
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा।
इक झोली ……
धन से बिस्तर मिल जाए ,
पर नींद को तरसे नैन ।
काँटों पर भी सोकर आए ,
किसी के मन को चैन ।
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा।
इक झोली ……
सागर से भी बुझ न पाए ,
कभी किसी की प्यास ।
एक बूँद से भी जाए ,
कभी किसी की आस।
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा।
इक झोली ……
मन्दिर मस्जिद में भी जाकर ,
कभी न आए ज्ञान ।
कभी मिले मिट्टी से मोती ,
पत्थर से भगवान्।
कोई कारण होगा ,
हाँ रे कोई कारण होगा।
इक झोली ……
हिंदी चेतावनी भजन video
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भजन : – एक झोली में फूल भरे है
गायक :- विक्की नारंग