पीपा जी की आरती pipaji maharaj ki aarti आरतियाँ राजस्थानी आरतियां
पीपाजी महाराज की आरती भजन लिरिक्स
ओम जय पीपा स्वामी ,
गुरु जय पीपा स्वामी ।
गागरोन नृप धरमी ,
भक्त नये नामी ॥
ब्रह्मज्ञान दीक्षा दी ,
रामानन्द स्वामी ।
राजपाट त्यागन कर ,
हो गये निष्कामी ।
पहुँचे पुरी द्वारिका ,
संग सीता दासी ।
सिंधु माँहि समाये ,
दर्शन अभिलाषी ।
दर्शन पाये प्रभु के ,
जग में यश जारी ।
छाप कृष्ण की तब से ,
जानत संसारी ॥
हिंसक शेर मिला एक ,
कंटक वन माँहि ।
देखत तेज तपस्या ,
गिरा चरण माँहि ॥
पा उपदेश अहिंसा ,
सब जन हितकारी ।
चहुँ दिश जय जयकारा ,
गावत नर नारी ॥
निश दिन ध्यान धरे जो ,
वांछित फल पावे ।
दुख दारिद्र मिट जावे ,
नव निधि घर आवे ॥
तुम हो दीन दयाला ,
भक्तन प्रति पाला ।
हम सब शरण तिहारी ,
मेटो भव जाला ॥
पीपा स्वामी की आरती ,
जो कोई नर गावे ।
प्रेमा भक्ति पावे ,
भव जळ तिर जावे ॥
- वैष्णव जन तो तेने कहिजे भजन लिरिक्स
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rajasthani aarti lyrics in English
pipaji maharaj ki aarti BHAJAN LYRICS
om jay peepa svaamee ,
guru jay peepa svaamee .
gaagaron nrp dharamee ,
bhakt naye naamee .
brahmagyaan deeksha dee ,
raamaanand svaamee .
raajapaat tyaagan kar ,
ho gaye nishkaamee .
pahunche puree dvaarika ,
sang seeta daasee .
sindhu maanhi samaaye ,
darshan abhilaashee .
darshan paaye prabhu ke ,
jag mein yash jaaree .
chhaap krshn kee tab se ,
jaanat sansaaree .
hinsak sher mila ek ,
kantak van maanhi .
dekhat tej tapasya ,
gira charan maanhi .
pa upadesh ahinsa ,
sab jan hitakaaree .
chahun dish jay jayakaara ,
gaavat nar naaree .
nish din dhyaan dhare jo ,
vaanchhit phal paave .
dukh daaridr mit jaave ,
nav nidhi ghar aave .
tum ho deen dayaala ,
bhaktan prati paala .
ham sab sharan tihaaree ,
meto bhav jaala .
peepa svaamee kee aaratee ,
jo koee nar gaave .
prema bhakti paave ,
bhav jal tir jaave .
राजस्थानी आरतियां lyrics in Hindi
पीपा जी की आरती भजन लिरिक्स
ओम जय पीपा स्वामी , गुरु जय पीपा स्वामी ।
गागरोन नृप धरमी , भक्त नये नामी ॥
ब्रह्मज्ञान दीक्षा दी , रामानन्द स्वामी ।
राजपाट त्यागन कर , हो गये निष्कामी ।
पहुँचे पुरी द्वारिका , संग सीता दासी ।
सिंधु माँहि समाये , दर्शन अभिलाषी ।
दर्शन पाये प्रभु के , जग में यश जारी ।
छाप कृष्ण की तब से , जानत संसारी ॥
हिंसक शेर मिला एक , कंटक वन माँहि ।
देखत तेज तपस्या , गिरा चरण माँहि ॥
पा उपदेश अहिंसा , सब जन हितकारी ।
चहुँ दिश जय जयकारा , गावत नर नारी ॥
निश दिन ध्यान धरे जो , वांछित फल पावे ।
दुख दारिद्र मिट जावे , नव निधि घर आवे ॥
तुम हो दीन दयाला , भक्तन प्रति पाला ।
हम सब शरण तिहारी , मेटो भव जाला ॥
पीपा स्वामी की आरती , जो कोई नर गावे ।
प्रेमा भक्ति पावे , भव जळ तिर जावे ॥
pipa ji maharaj bhajan video
आरती = पीपा जी की
गायिका :- सुनीता देवी
Bhajan Text- भजन