फागण आया मेरे मन भाया भजन लिरिक्स

फागण आया मेरे मन भाया भजन लिरिक्स
, Fagan Aaya Mere Man Bhaya Bhajan Lyrics

फागण आया मेरे मन भाया

फागण आया मेरे मन भाया ,
शिवरात्रि आई महान रे।
सब रात जगावे टाबरिया।

सच्चे मन से ध्यान लगा के ,
हम भी आज मनाये।
शिव सुख कर्ता है दुःख हर्ता है ,
ये जग के पालन हारे रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर

पहले गणपति पूजन करके ,
बम बम बम फिर बोले।
माँ अम्बे का सुमिरन करके ,
जय जय अम्बे बोले।
भोले जी आवे मैया को लावे ,
तो हो जाये बेड़े पार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

गंगा जल से स्नान कराके ,
बेल के पात चढ़ावे।
धुप दीप कपूर जला के ,
तुम्हारी आरती उतारे।
ढोलक बाजे बाजा बाजे ,
डमरू की ध्वनि अपार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

शिव शंकर है ओढर दानी ,
इनकी महिमा निराली।
विष पीकर के अमृत देते ,
ऐसे है ये आली।
नैना खोलो अब तो बोलो ,
थारी भक्त करे मनवार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

Bhole Shankar Hindi Bhajan Lyrics

Fagan Aaya Mere Man Bhaya

fagan aaya mere man bhaya,
shivratri aai mahan re.
sab raat jagave tabariya.

sachche man se dhyan laga ke,
ham bhi aaj manaye.
shiv sukh karta hai dukh harta hai,
ye jag ke palan haare re.
sab raat jagave tabariya.

pahle ganapati pujan karke,
bam bam bam fir bole.
ma ambe ka sumiran karke,
jay jay ambe bole.
bhole ji aave maiya ko lave,
to ho jaye bede paar re.
sab raat jagave tabariya.

ganga jal se snaan karake,
bel ke paat chadhave.
dhup deep kapur jala ke,
tumhari aarati utare.
dholak baaje baja baje,
damru ki dhvani apaar re.
sab raat jagave tabariya.

shiv shankar hai odhar dani,
inki mahima nirali.
vish pikar ke amrit dete,
aise hai ye aali.
naina kholo ab to bolo,
thari bhakt kare manavar re.
sab raat jagave tabariya.

भोले शंकर हिंदी भजन लिरिक्स

फागण आया मेरे मन भाया

फागण आया मेरे मन भाया ,शिवरात्रि आई महान रे।
सब रात जगावे टाबरिया।

सच्चे मन से ध्यान लगा के ,हम भी आज मनाये।
शिव सुख कर्ता है दुःख हर्ता है ,ये जग के पालन हारे रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

पहले गणपति पूजन करके ,बम बम बम फिर बोले।
माँ अम्बे का सुमिरन करके ,जय जय अम्बे बोले।
भोले जी आवे मैया को लावे , तो हो जाये बेड़े पार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

गंगा जल से स्नान कराके ,बेल के पात चढ़ावे।
धुप दीप कपूर जला के ,तुम्हारी आरती उतारे।
ढोलक बाजे बाजा बाजे ,डमरू की ध्वनि अपार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

शिव शंकर है ओढर दानी ,इनकी महिमा निराली।
विष पीकर के अमृत देते ,ऐसे है ये आली।
नैना खोलो अब तो बोलो ,थारी भक्त करे मनवार रे।
सब रात जगावे टाबरिया। टेर।

भजन/Bhajan Title = फागण आया मेरे मन भाया
Bhajan Text- भजन

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