हनुमान हमारे आँगन में भजन लिरिक्स

हनुमान हमारे आँगन में भजन लिरिक्स
, Hanumaan Hamare Aangan Me Bhajan Lyrics

नैना तरसे तेरे दर्शन को भजन लिरिक्स

हनुमान हमारे आँगन में ,
कब आओगे कब आओगे।
नैना तरसे तेरे दर्शन को ,
कब आके दरश दिखाओगे।

पलके भी दुखन लागी मेरी ,
मन को पल चेन न आता हैं।
में जाऊ कहा तू कुछ तो बता,
क्या तुम से न कोई नाता हैं।
क्यों तरसाते हो सेवक को ,
हे पवन पुत्र कब आओगे।
नैना तरसे दर्शन को,
कब आके दर्श दिखाओगे।

तुम माता पिता बंधु भ्राता ,
तू ही तो मेरा स्वामी हे।
होंटो पे रहता नाम तेरा ,
तू ही तो अन्तरयामी हे।
कर दो ना मेहर दे दो ना दरश ,
कब तक मुझे तरसाओगे।
नैना तरसे दर्शन को,
कब आके दरश दिखाओगे।

में खीर चूरमा लाया हूँ ,
मेवे का थाल सजाया हूँ।
तुम भोग लगाने आजाओ ,
में कब से आस लगाया हूँ।
मेरी आस निरास करो न प्रभु ,
कब आके भोग लगाओगे।
नैना तरसे तेरे दर्शन को।,
कब आके दरश दिखाओगे।

हे अर्जी मेरी , आगे मर्जो तेरी ,
जैसा भी नाथ नचाओ तुम।
में खाली न वापस आऊँगा ,
चाहे जितना नाथ सताओ तुम।
तुलसी को राम मिलाये तुम ,
कब मोरी आस पुराओगे।
नैना तरसे दर्शन को।,
कब आके दरश दिखाओगे।

Hanuman Ji Bhajan Hindi Lyrics

Hanumaan Hamare Aangan Me

hanuman hamare aangan me,
kab aaoge kab aaoge.
naina tarse tere darshan ko,
kab aake darsh dikhaoge.

palke bhi dukhan lagi meri,
man ko pal chen n aata hai.
me jau kaha tu kuch to bata,
kya tum se n koi nata hai.
kyu tarsate ho sevak ko,
hai pavan putra kab aaoge.
naina tarse tere darshan ko,
kab aake darsh dikhaoge.

tum mata pita bandhu bhrata,
tu hi to mera swami hai.
hoto pe rahta naam tera,
tu hi to antaryami hai.
kar do na mehar de do na darsah,
kab tak mujhe tarsaoge.
naina tarse tere darshan ko,
kab aake darsh dikhaoge.

me khir churma laya hu,
meve ka thal sajaya hu.
tum bhog lagane aajao,
me kab se aas lagaya hu.
meri aas niras karo n prabhu,
kab aake bhog lagaoge.
naina tarse tere darshan ko,
kab aake darsh dikhaoge.

he arji meri, aage marji teri,
jaisa bhi nath nachao tum.
me khali n vapas aaunga,
chahe jinta nath satao tum.
tulsi ko ram milaye tum,
kab mori aas puraoge.
naina tarse tere darshan ko,
kab aake darsh dikhaoge.

हनुमान जी भजन हिंदी लिरिक्स

हनुमान हमारे आँगन में

हनुमान हमारे आँगन में ,कब आओगे कब आओगे।
नैना तरसे तेरे दर्शन को ,कब आके दरश दिखाओगे।

पलके भी दुखन लागी मेरी ,मन को पल चेन न आता हैं।
में जाऊ कहा तू कुछ तो बता,क्या तुम से न कोई नाता हैं।
क्यों तरसाते हो सेवक को ,हे पवन पुत्र कब आओगे।
नैना तरसे दर्शन को,कब आके दर्श दिखाओगे।

तुम माता पिता बंधु भ्राता ,तू ही तो मेरा स्वामी हे।
होंटो पे रहता नाम तेरा ,तू ही तो अन्तरयामी हे।
कर दो ना मेहर दे दो ना दरश ,कब तक मुझे तरसाओगे।
नैना तरसे दर्शन को,कब आके दरश दिखाओगे।

में खीर चूरमा लाया हूँ ,मेवे का थाल सजाया हूँ।
तुम भोग लगाने आजाओ ,में कब से आस लगाया हूँ।
मेरी आस निरास करो न प्रभु ,कब आके भोग लगाओगे।
नैना तरसे तेरे दर्शन को।,कब आके दरश दिखाओगे।

हे अर्जी मेरी , आगे मर्जो तेरी ,जैसा भी नाथ नचाओ तुम।
में खाली न वापस आऊँगा ,चाहे जितना नाथ सताओ तुम।
तुलसी को राम मिलाये तुम ,कब मोरी आस पुराओगे।
नैना तरसे दर्शन को।,कब आके दरश दिखाओगे।

नरेंद्र कौशिक भजन

भजन/Bhajan Title = नैना तरसे तेरे दर्शन को
गायक/Singer = = नरेंद्र कौशिक
Bhajan Text- भजन

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