किन्हीं आज्ञा पाल किन्हीं देह लाल
किन्हीं तेज चल उड़ चले,
जय बजरंग बली हनुमान,
कहलाते हैं सेवक राम।।
मित्र सुग्रीव की विपदा मिटाई,
सियाराम से भेंट कराई,
काज किये सब भले।।
दानव दल को मार गिराए,
सीता की सुधि ले आये,
लंका धू धू जले।।
लक्ष्मण जी को शक्ति लगी थी,
बूटी लाये न देरी की थी,
भैया लखन उठ चले।।
ऐसा योद्धा है जग नहीं,
सीयाराम बसते मन माहीं,
सारी विपदा टले।।
है ‘अनुरोध’ पवनसुत मेरे,
जपूँ नाम मैं सांझ सवेरे
अवगुण मेरे जले।।
- नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में
- छोटे छोटे घुंगरू छोटे छोटे पांव
- देखो छमा छम नाचे दीवाना श्री राम का
- म्हारा बजरंग बाला
- एक कंधे पर लखन विराजे दूजे पर रघुवीर
- देखा ना वीर हनुमान जैसा
- बोलो सदा जयकार पवनसुत महाबली की
- राम भक्त हनुमान बालाजी मेरे घर आना
- सुन लो मेरे बजरंग प्यारे सिया राम के तुम हो दुलारे