बजरंगी बलि ने ऐसा बजाया डंका,
अरे जला डाली सारी सोने की लंका,
धु धु जलती लंका,
उछल कूदते हनुमान,
जय श्री राम जय हुनमान।।
हनुमत को लागी थी भूख भारी,
फल हेतु अशोकवाटिका उजाड़ी,
अक्षय कुमार को जब मार गिराया,
ये बात रावण के कानों मे आया ,
लंकेश की सभा मे बुलाये गए हनुमान।।
रावण ने जब कोई नही दिया आसन,
पूछ बढ़ाकर खुद का बना लिया आसन,
ये देख रावण को विकट गुस्सा आई,
असुरो ने कपि के पुछ आग लगाई,
फिर लंका दहन कर दिये हनुमान।।
बजरंगी बलि ने ऐसा बजाया डंका,
अरे जला डाली सारी सोने की लंका,
धु धु जलती लंका,
उछल कूदते हनुमान,
जय श्री राम जय हुनमान।।
- नित प्रेम की गंगा बेहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में
- बजरंगी बाबा तुमसे ये वर चाहिए
- सिया राम जी के चरणों के दास बालाजी
- बालाजी की शरण तू आजा हर दम मौज उड़ाएगा
- करे किरपा सदा हनुमान ये तो सारा ही जग जाने
- मैं उसका भगत वो राम भगत मेरा सालसर बाला
- मन्ने दर्शन देदे हनुमान बहुत दुःख पा लिया
- राम नाम को जपता सुबहो शाम है