राम लखन और जानकी जय बोलो हनुमान की

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार
बरनौ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहुं कलेश विकार।।

जिनके मन में सदा विराजे
लखन राम और जानकी
जिनके मन में सदा विराजे
लखन राम और जानकी
ध्यान करो उन्न बजरंगी का
चिंता मिटे जहाँ की
ध्यान करो उन्न बजरंगी का
चिंता मिटे जहाँ की।।

जय बोलो जय बोलो बोल जय बोलो हनुमान की
जय बोलो जय बोलो बोल जय जाई बोलो हनुमान की
जय बोलो जय बोलो
राम लखन और जानकी जय बोलो हनुमान की
राम लखन और जानकी जय बोलो हनुमान की।।

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