सो सो सूरमा के बीच में अकेलो बालाजी भजन लिरिक्स

सो सो सूरमा के बीच में अकेलो बालाजी भजन लिरिक्स
so so surma ke beech mein bajrang balaji bhajan lyrics

सो सो शूरमा के बिच में

सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी।
अकेलो बालाजी ,
बाली लंका रावण की।

रामचंद्र सु आज्ञा पाकर ,
लंका गढ़ में जावे।
सीताजी रो पतों लगाकर ,
वो उत्पात मचावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर

मेघनाद जद नागपाश में ,
बांध सभा में लावे।
रावण के दरबार में बाला ,
मंद मंद मुसकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

बड़ा बड़ा ए शूरवीर तब ,
रावण ने समझावे।
शीश काट लो रामदूत रो ,
तलवारा चमकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

जयकारो कर राम नाम रो ,
बजरंग बाला बोले।
सुण ले रावण बात हमारी ,
काळ शीश पर डोले।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

अभिमानी रावण के तब भी ,
बात समझ नहीं आई।
लंका नगरी बजरंग जारी ,
हरखी सीता माई।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

रामदूत बजरंग बलि ने ,
दास अशोक सुनावे।
निज चरणा में चाकर राखो ,
चरणा में सुख पावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,
अकेलो बालाजी। टेर।

bajrang balaji bhajan lyrics in hindi

so so surma ke beech mein

so so surma ke bich me,
akelo balaji.
akelo balaji,
bali lanka ravan ki.

ramchandra su aagya pakar,
lanka gadh me jave.
seetaji ro pato lagakar,
wo utpat machave.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

meghnath jad nagpash me ,
bandh sabha me lave.
ravan ke darbar me bala,
mand mand muskave.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

bada bada ai surveer tab,
ravan ne samjhave.
shish kat lo ramdut ro,
talvara chamkave.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

jaykaro kar ram naam ro,
bajarang bala bole.
sun le ravan baat hamari,
kaal shish par dole.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

abhimani ravan ke tab bhi,
baat samajh nhi aai.
lanka nagari bajrang jari,
harkhi seeta maai.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

ramdut bajarang bali ne,
daas ashok sunave .
nich charna me chakar rakho,
charna me sukh pave.
so so surma ke bich me,
akelo balaji .

हनुमान जी के भजन लिरिक्स

सो सो सूरमा के बीच में अकेलो बालाजी

सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी।
अकेलो बालाजी ,बाली लंका रावण की।

रामचंद्र सु आज्ञा पाकर ,लंका गढ़ में जावे।
सीताजी रो पतों लगाकर ,वो उत्पात मचावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

मेघनाद जद नागपाश में ,बांध सभा में लावे।
रावण के दरबार में बाला ,मंद मंद मुसकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

बड़ा बड़ा ए शूरवीर तब ,रावण ने समझावे।
शीश काट लो रामदूत रो ,तलवारा चमकावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

जयकारो कर राम नाम रो ,बजरंग बाला बोले।
सुण ले रावण बात हमारी ,काळ शीश पर डोले।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

अभिमानी रावण के तब भी ,बात समझ नहीं आई।
लंका नगरी बजरंग जारी ,हरखी सीता माई।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

रामदूत बजरंग बलि ने ,दास अशोक सुनावे।
निज चरणा में चाकर राखो ,चरणा में सुख पावे।
सो सो शूरमा के बिच में ,अकेलो बालाजी। टेर।

anil nagori ke new bhajan

Bhajan / Geet(भजन ) == सो सो शूरमा के बिच में
Bhajan Singer/गायक = अनिल नागौरी
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics

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