हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण भजन लिरिक्स
, Heli E ghar Me Motida Ri Khan heli bhajan lyrics
हेली ए घर में मोतीड़ा री खान
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो।
हेली ए सतगुरु खोज्या है सुजान ,
सहजे सहजे सुख पावो।
हेली इ परसे आतम दीदार ,
रूप निज ओलखो।
हेली ए परस्या मिटे दुःख जाल ,
आतम सुख परखलो।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए कर दो भरमान ने चूर ,
आनंद जद आवसी।
हेली ए परसो आतम राम ,
जदे ही सुख पावसी।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए पूजा नई पत्थर अनेक ,
देवळ नित धोखिए।
हेली ए नहीं मिले अपनों श्याम ,
भला ही भट झोखिए।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए मल विक्षपे मिटाय ,
आवरण अलगो करे।
हेली ए झिलमिल झलके जोत ,
सहजे पीव मिले।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए देवनाथ गुरुदेव ,
नित समझावे है।
हेली ए मानसिंह कहे मान ,
तो दुःख मिट जावे है।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,
बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
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heli bhajan lyrics in hindi
Heli E ghar Me Motida Ri Khan
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
heli a stguru khojya hai sujan,
sahje sahje sukh pavo.
heli a parse aatam didar,
rup nij olakho.
heli a parsya mite dukh jal,
aatam sukh parakhalo.
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
heli a kar do bharmana ne chur,
aanand jad aavsi.
heli a parso aatam ram,
jade hi sukh pavsi.
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
heli a puja nai pathar anek,
deval nit dhokhiye.
heli a nhi mile apno shyam,
bhala hi bhat jhokhiye.
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
heli a mal vikshpe mitay,
aavaran algo kare.
heli a jhilmil jhalke jot,
sahje peev mile.
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
heli a devnath gurudev ,
nit samjhave hai.
heli a mansingh kahe maan,
to dukh mit jave hai.
heli a ghar me motida ri khan,
bahir ab kyu javo.
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हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो।
हेली ए सतगुरु खोज्या है सुजान ,सहजे सहजे सुख पावो।
हेली इ परसे आतम दीदार ,रूप निज ओलखो।
हेली ए परस्या मिटे दुःख जाल ,आतम सुख परखलो।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए कर दो भरमान ने चूर ,आनंद जद आवसी।
हेली ए परसो आतम राम ,जदे ही सुख पावसी।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए पूजा नई पत्थर अनेक ,देवळ नित धोखिए।
हेली ए नहीं मिले अपनों श्याम ,भला ही भट झोखिए।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए मल विक्षपे मिटाय ,आवरण अलगो करे।
हेली ए झिलमिल झलके जोत ,सहजे पीव मिले।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
हेली ए देवनाथ गुरुदेव ,नित समझावे है।
हेली ए मानसिंह कहे मान ,तो दुःख मिट जावे है।
हेली ए घर में मोतीड़ा री खाण ,बाहिर अब क्यों जावो। टेर। ….
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Bhajan / Geet(भजन ) == हेली ए घर में मोतीड़ा री खान
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics