हेली चाले तो हरी मिल जाए भजन लिरिक्स

हेली चाले तो हरी मिल जाए भजन लिरिक्स
, Heli Chale To Hari Mil Jaye heli bhajan lyrics in hindi

हेली चाले तो हरी मिल जाय

हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। 2

अधर धार करता का मेला ,
शून्य शिखर चढ़ जाय।
तीन लोक पर अमर अखाडा ,
काळ न परसे जमराय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। टेर। ….

पांच तत्व तीनो गुण भेला ,
ऊँचा अलख लखावे।
निराकार नीररूप ब्रह्मा में ,
सर्गुण सेण मिलावे।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। टेर। ….

श्रोता वक्ता दोनों ही थाके ,
उलझ रहे सुलझाय।
स्वर्ग नरक की राह निराली ,
भरम्योड़ा ही गोता खाय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। टेर। ….

पग बिन चले नैन बिन निरखे ,
परख लिया निर्वाण।
चढ़ गई सूरत अमर धर वासा ,
मगन भई है पीव जाण।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। टेर। ….

पीव मिल्या परमानन्द पाया ,
सागर बून्द समाय।
रामानंद रा भणत कबीरा ,
रज में रज मिल जाय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,
गगन पर देशडलो। टेर। ….

heli bhajan lyrics in hindi

Heli Chale To Hari Mil Jaye

Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

adhar dhar karta ka mela,
shuny shikhar chad jay.
teen lok par amar akhada,
kal n parse jamray.
gagan par deshadalo.
Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

panch tatv teeno gun bhela,
uncha alakh lakhave.
nirakar nirrup brahma me,
sargun sev milave.
gagan par deshadalo.
Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

shrota vakta dono hi thake,
ulajh rahe suljhay.
swarg narak ki rah nirali,
bharmyoda hi gota khay.
gagan par deshadalo.
Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

pag bin chale nain bin nirakhe,
parakh liya nirvan.
chad gai surat amar dhar vasa,
magan bhai hai piv jan.
gagan par deshadalo.
Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

piv milya parmanand paya,
sagar bund samay.
ramanand ra bhanat kabira,
raj me raj mil jay.
gagan par deshadalo.
Heli chale to hari mil jay,
gagan par deshdalo.

हेलिया भजन लिरिक्स

हेली चाले तो हरी मिल जाए

हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। 2

अधर धार करता का मेला ,शून्य शिखर चढ़ जाय।
तीन लोक पर अमर अखाडा ,काळ न परसे जमराय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। टेर। ….

पांच तत्व तीनो गुण भेला ,ऊँचा अलख लखावे।
निराकार नीररूप ब्रह्मा में ,सर्गुण सेण मिलावे।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। टेर। ….

श्रोता वक्ता दोनों ही थाके ,उलझ रहे सुलझाय।
स्वर्ग नरक की राह निराली ,भरम्योड़ा ही गोता खाय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। टेर। ….

पग बिन चले नैन बिन निरखे ,परख लिया निर्वाण।
चढ़ गई सूरत अमर धर वासा ,मगन भई है पीव जाण।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। टेर। ….

पीव मिल्या परमानन्द पाया ,सागर बून्द समाय।
रामानंद रा भणत कबीरा ,रज में रज मिल जाय।
गगन पर देशडलो।
हेली चाले तो हरी मिल जाय ,गगन पर देशडलो। टेर। ….

================Bhajans From lyrics-in-hindi.com

ramchandra goyal bhajan

Bhajan / Geet(भजन ) == हेली चाले तो हरी मिल जाय
Bhajan Singer/गायक = रामचंद्र गोयल
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics

https://youtu.be/yWq0Z4wwJcw

Leave a Comment