शिव शंकर चले कैलाश बुंदिया पड़ने लगी भजन लिरिक्स
, Shiv Shankar Chale Kailash Bhajan Lyrics
शिव शंकर चले कैलाश भजन लिरिक्स
शिव शंकर चले कैलाश ,
की बुंदिया पड़ने लगी।
भोले बाबा चले कैलाश ,
की बुंदिया पड़ने लगी।
गोराजी ने बोई हरी हरी महेंदी ,
भोले बाबा ने बोई भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,
शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी ने काटी हरी हरी मेहंदी ,
भोले बाबा ने काटी है भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,
शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी ने पीसी हरी हरी मेहंदी ,
भोले बाबा ने पीसी है भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,
शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी की रच गई हरी हरी महेंदी ,
भोले बाबा को चढ़ गई भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,
शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
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Shiv Shankar Bhajan Hindi Lyrics
Shiv Shankar Chale Kailash
shiv shanakr chale kailash,
ki bundiya padne lagi.
bhole baba chale kailash,
ki bundiya padne lagi.
goraji ne boi hari hari mahendi,
bhole baba ne boi bhang.
ki bundiya padne lagi,
shiv shankar chale kailash. ter
.
goraji ne kati hari hari mehandi,
bhole baba ne kati hai bhang.
ki bundiya padne lagi,
shiv shankar chale kailash. ter
.
goraji ne pisi hari hari mehandi,
bhole baba ne pisi hai bhang.
ki bundiya padne lagi,
shiv shankar chale kailash. ter
.
goraji ki rach gai hari hari mehandi,
bhole baba ko chadh gai bhang.
ki bundiya padne lagi,
shiv shankar chale kailash. ter
.
शिव शंकर हिंदी भजन लिरिक्स
शिव शंकर चले कैलाश
शिव शंकर चले कैलाश ,की बुंदिया पड़ने लगी।
भोले बाबा चले कैलाश ,की बुंदिया पड़ने लगी।
गोराजी ने बोई हरी हरी महेंदी ,भोले बाबा ने बोई भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी ने काटी हरी हरी मेहंदी ,भोले बाबा ने काटी है भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी ने पीसी हरी हरी मेहंदी ,भोले बाबा ने पीसी है भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
गोराजी की रच गई हरी हरी महेंदी ,भोले बाबा को चढ़ गई भांग।
कि बुंदिया पड़ने लगी ,शिव शंकर चले कैलाश। टेर।
Tripti Shaqya Bhajan Lyrics
भजन/Bhajan Title = बुंदिया पड़ने लगी
गायिका :- तृप्ति शाक्य
Bhajan Text- भजन