चाले तो ले चालूं उण देश म्हारी हेली भजन लिरिक्स
, Chale To Le Chalu Un Desh Heli Mhari Bhajan Lyrics
चाले तो ले चालू वण देश
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय।
पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली ,
हिरदे पियाजी रो ध्यान।
चार जुगा रो ढोलियो म्हारी हेली ,
असंख जुगा री वाण।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
गगन मण्डल वाले गोखरे म्हारी हेली ,
पुरुष सुतो निराकार।
तीन पुरुष वा की सेवा करे म्हारी हेली ,
राम कबीरा गुण गाय।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
मन रे पवन वटे पहुंचे नहीं म्हारी हेली ,
नहीं रे भरम को काम।
अलख उतारे उभा आरती म्हारी हेली ,
निरंजन ढोले वाव।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,
वण पुरुष ने ध्याव।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
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heli mhari bhajan lyrics in hindi
Chale To Le Chalu Un Desh
chale to le chalu van desh mhari heli,
guptau bhed batay.
pativrata pihar base mhari heli,
hirde piyaji ro dhyan.
char juga ro dholiyo mhari heli,
asankh juga ri van.
chale to le chalu van desh mhari heli,
guptau bhed batay.
gagan mandal vale gokhre mhari heli,
purush suto nirakar.
teen purush va ki seva kare mhari heli,
ram kabira gun gay.
chale to le chalu van desh mhari heli,
guptau bhed batay.
man re pavan vate pahuche nhi mhari heli,
nhi re bharam ko kam.
alakha utare ubha aarati mhari heli,
niranjan dhole vav.
chale to le chalu van desh mhari heli,
guptau bhed batay.
keve kabirsa dharmidas ne mhari heli,
van purush ne dhyav.
chale to le chalu van desh mhari heli,
guptau bhed batay.
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हेली म्हारी भजन लिरिक्स इन हिंदी bhajan lyrics in hindi
चाले तो ले चालूं उण दे
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय।
पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली ,हिरदे पियाजी रो ध्यान।
चार जुगा रो ढोलियो म्हारी हेली ,असंख जुगा री वाण।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
गगन मण्डल वाले गोखरे म्हारी हेली ,पुरुष सुतो निराकार।
तीन पुरुष वा की सेवा करे म्हारी हेली ,राम कबीरा गुण गाय।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
मन रे पवन वटे पहुंचे नहीं म्हारी हेली ,नहीं रे भरम को काम।
अलख उतारे उभा आरती म्हारी हेली ,निरंजन ढोले वाव।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
केवे कबीरसा धर्मिदास ने म्हारी हेली ,वण पुरुष ने ध्याव।
चाले तो ले चालू वण देश में म्हारी हेली ,
गुपताऊ भेद बताय। टेर। …..
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premnath ji ke bhajan
Bhajan / Geet(भजन ) == चाले तो ले चालू वण देश
Bhajan Singer/गायक = प्रेमनाथ
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics