संतो ! अमरलोक कुण जासी भजन लिरिक्स

संतो ! अमरलोक कुण जासी भजन लिरिक्स
, santo ! Amar Lok Kun Jasi chetawani bhajan lyrics

अमरलोक कुण जासी

पांच तत्व री बणी कोठड़ी ,
आ तो बिखर जासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

कुण है ठाकर कुण है चाकर ,
कुण है आगे दासी।
कौन पुरष री फिरे दुहाई ,
कौन नगर रो वासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

मन है ठाकर तन है चाकर ,
दस इन्द्रिया दासी।
अविनाशी री फिरे दुहाई ,
हंस नगरिया रो वासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

कुण है गुरु कुण है चेला ,
कुण पुरुष अविनाशी।
कहो हंसा तुम किसे कहत हो ,
बात बतावो साँची।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

सबद गुरु ने सूरत चेला ,
अमर पुरुष अविनाशी।
हंसा उलट सोऽहं होत है ,
पार ब्रह्मा प्रकाशी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

गुरु जोरावर पूरा मिलिया ,
बात बताई म्हाने साँची।
हेमनाथ सतगुरु जी शरणे ,
संत अमरापुर जासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

chetawani bhajan lyrics in hindi

santo ! Amar Lok Kun Jasi

panch tatv ri bani kothdi,
aa to bikhar jasi.
santo ! Amar Lok Kun Jasi.

koun he thakar kun he chakar,
kun hai aage dasi.
kun purush ri fire duhai,
kon nagar ri vasi.
santo ! amar lok kun jasi.

man hai thakar tan hai chakar,
das indriya dasi.
avinashi ri fire duhai,
hans nagariya ro vasi.
santo ! amarlok kun jasi.

kun hai guru kun hai chela,
kun purush avinashi.
kaho hansa tum kise kahat ho,
bat batavo sanchi.
santo ! amarlok kun jasi.

sabad guru ne surat chela,
amar purush avinashi.
hansa ulat soham hot hai,
par brahma prakashi.
santo ! amarlok kun jasi.

guru joravar pura miliya,
bat batai mhane sanchi.
hemanath satguru ji sharne,
sant amrapur jasi .
santo ! AmarLok Kun Jasi .

मारवाड़ी चेतावनी भजन लिरिक्स

संतो ! अमरलोक कुण जासी

पांच तत्व री बणी कोठड़ी ,आ तो बिखर जासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

कुण है ठाकर कुण है चाकर ,कुण है आगे दासी।
कौन पुरष री फिरे दुहाई ,कौन नगर रो वासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

मन है ठाकर तन है चाकर ,दस इन्द्रिया दासी।
अविनाशी री फिरे दुहाई ,हंस नगरिया रो वासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

कुण है गुरु कुण है चेला ,कुण पुरुष अविनाशी।
कहो हंसा तुम किसे कहत हो ,बात बतावो साँची।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

सबद गुरु ने सूरत चेला ,अमर पुरुष अविनाशी।
हंसा उलट सोऽहं होत है ,पार ब्रह्मा प्रकाशी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

गुरु जोरावर पूरा मिलिया ,बात बताई म्हाने साँची।
हेमनाथ सतगुरु जी शरणे ,संत अमरापुर जासी।
संतो ! अमरलोक कुण जासी। टेर। ….

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geeta swami ke bhajan

Bhajan / Geet(भजन ) == अमरलोक कुण जासी
Bhajan Singer/गायिका == गीता गोस्वामी
Bhajan Lyrics Type = भजन Lyrics

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