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आरती कीजे श्री रघुवर जी की आरती लिरिक्स

आरती कीजे श्री रघुवर जी की आरती लिरिक्स, Aarti Kije Shri Raghuvar Ji Ki Lyrics

आरती कीजे श्री रघुवर की भजन लिरिक्स

आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की।

राम रमैया अंतर्यामी ,
मर्यादा पुरुषोत्तम स्वामी।
राम नमामि राम नमामि ,
सुर मुनि रक्षक करुणा कर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

जगपति सुरपति दीनदयाला ,
दुःख भय भंजन है सुखपाला।
है जगवन्दित रघुवर माला ,
सत चित आनंद शिव सुन्दर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

संत विराजे जानकी माई ,
थाए संग में तीनो भाई।
अधभुत शोभा वरणी ना जाई ,
विश्व विधाता प्रभु सुखवर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

सगुण रूप प्रकटे अविनाशी ,
मंगलमय प्रभु शुभ सुख राशि।
कर दर्शन कटे लख चौरासी ,
शरणागत वत्सल ईश्वर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

ऐसी आरती की हनुमाना ,
शरण होय के आप भुलाना।
सियाराम मय जग पहचाना ,
रघुपति राघव हरी हितकर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,
दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

shri ram ji aarti lyrics

Aarti Kije Shri Raghuvar Ji Ki

Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

ram ramaiya antaryami,
maryada purushottam swami.
ram namami ram namami,
sur muni rakashak karuna kar ki.
Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

jagpati surpati dindayala,
dukh bhay bhanjan hai sukhpala.
hai jagvandit raghuvar mala,
sat chit aanand shiv sundar ki.
Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

sant viraje janki mai,
thai sang me teeno bhai.
adhbhut shobha varani na jai,
vishv vidhata prabhu sukhvar ki.
Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

sagun rup prakte avinashi,
mangalmay prabhu subh sukh rashi.
kar darshan kate lakh chorasi,
sharnagat vatsal ishwar ki.
Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

aisi aarti ki hanumana,
sharan hoy ke aap bhulana.
siyaram may jag pahchan,
raghupati raghav hari hitkar ki.
Aarti kije shri raghuvar ki,
dasharath nandan seetavar ki.

श्री राम जी की आरती लिरिक्स

आरती कीजे श्री रघुवर जी की

आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की।

राम रमैया अंतर्यामी ,मर्यादा पुरुषोत्तम स्वामी।
राम नमामि राम नमामि ,सुर मुनि रक्षक करुणा कर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
.

जगपति सुरपति दीनदयाला ,दुःख भय भंजन है सुखपाला।
है जगवन्दित रघुवर माला ,सत चित आनंद शिव सुन्दर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
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संत विराजे जानकी माई ,थाए संग में तीनो भाई।
अधभुत शोभा वरणी ना जाई ,विश्व विधाता प्रभु सुखवर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
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सगुण रूप प्रकटे अविनाशी ,मंगलमय प्रभु शुभ सुख राशि।
कर दर्शन कटे लख चौरासी ,शरणागत वत्सल ईश्वर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
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ऐसी आरती की हनुमाना ,शरण होय के आप भुलाना।
सियाराम मय जग पहचाना ,रघुपति राघव हरी हितकर की।
आरती कीजे श्री रघुवर की ,दशरथ नंदन सीता वर की। टेर।
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hari om sharan ke bhajan

आरती = आरती कीजे श्री रघुवर की
स्वर :- हरी ॐ सारण, नंदिनी
Bhajan Text- भजन

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